On November 18, Chhath Puja starts in Uttar Pradesh, Chhattisgarh, Jharkhand, West Bengal and Nepal from Nahai Khaye. Especially, this Mahaparava is celebrated with great pomp in Bihar. Chhathi Maiya is worshiped with full legal practice. Nahay Khay is celebrated on the first day of Chhath Parv, Kharna or Lohanda is celebrated on the second day. At the same time, Arghya is offered to the sun setting on the evening of Shashthi and then the next morning the Chhath festival is concluded with the offering of Arghya to the rising sun. It is believed that observing Chhath Vrat gives birth to children and relieves the problems related to children. It is believed that keeping the sixth Maiya fast (Chhathi Maiya Vrat) brings blessings of the Sun God (Surya Bhagwan). Watch the Video Of Chhath Puja Samagri and How to perform Chhath Puja Vidhi.
18 नवंबर को नहाय-खाए से उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल और नेपाल में छठ पूजा की शुरुआत हो रही है. खासकर, बिहार में यह महापर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. छठी मइया (Chhathi Maiya) को पूरे विधि-विधान से पूजा जाता है. छठ पर्व (Chhath Parv) के पहले दिन नहाय-खाए (Nahay Khay), दूसरे दिन खरना या लोहंडा (Kharna or lohanda) मनाया जाता है. वहीं, षष्ठी की शाम ढलते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और फिर अगली सुबह उगते सूरज को अर्घ्य देने के साथ छठ पर्व का समापन किया जाता है. मान्यता है कि छठ का व्रत (Chhath Vrat) रखने से संतान की प्राप्ति होती है और बच्चों से जुड़े कष्टों का निवारण होता है. माना जाता है कि छठी मइया का व्रत (Chhathi Maiya Vrat) रखने से सूर्य भगवान (Surya Bhagwan) की कृपा बरसती है. वीडियो में जानें छठ पूजा सामग्री क्या है और किस तरह से करें छठ पूजा ।
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